माखन ते भरी ग्वालिन की मटकी !
नंद के लाला ने कांकरी ते फोरी है!!
आंखन की त्यौरी चढ़ाय जसोदा ते बोलीं!
समझाय ले कन्हैया कूं करत छिछोरी है!!
रोज रोज रस्ता में रोक कें हठ जोरी करे!
हमें सतावे कूं ग्वाल बालन की टोली है!!
मैया यों बोली आज बनवारी की खैर नाय!
घर कूं आने दे वाय निकारूंगी ठिठोली है!!