खुबसूरत जिंदगी दी है तुम्हें उसने,
हौसलों से मंजिल अपनी पालो।
न बैठो यूं अधर सहारे नसीब के,
मौत से पहले आजमा लो खुद को।।
ये दौलत शौहरत सब यहीं रह जायेंगे,
जो करोगे सत्कर्म तो वो साथ जायेंगे।
ये जीवन अनमोल है संभालो खुद को,
मौत से पहले आजमा लो खुद को।।
तुम जैसे करम यहां पर करोगे ,
उनका तुम वैसा फल भुगतोगे।
क्यों व्यर्थ घूमते मिथ्या अभिमान में,
मौत से पहले आजमा लो खुद को।।
जो आया है यहां पर उसे जाना पड़ेगा,
किराए का है घर खाली करना पड़ेगा।
क्यों तुम खुद को देते झूठा भरोसा,
मौत से पहले आजमा लो खुद को।।