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माखन चोर

अरे माखन की चोरी छोड़,
श्याम रे मैं समझाऊं तोय।
नन्द बाबा के कहा कमी,
जो माखन ढूंढे चहूं ओर।1।

ग्वाल बाल संग गाय चरावै,
रोज रोज शिकायत आवै।
गांव की ग्वालिन करें छिछौरी,
फिर मार पड़ेगी तोय ।2।

तोय मारूं तो जी दुःख पावे,
रोज के ताने सुने ना जावे।
तेरी मति कूं का हे गयो,
तू क्यों सतावे मोय । 3।

तेरे बिन मोय चैन ना आवे,
तू रुठ जाय तो मन घबराबे।
जितनो माखन खानो होय ,
मैं अपने घर दूंगी तोय।4।

प्यारो सो मेरो कृष्ण कन्हैया,
हाथ जोड़ करै विनती मैय्या।
नटखट मोहन यू मुसकावै,
कैसो आनंद को दृश्य होय।5।

सूर दास जाके गुण गावे,
बिन नैनन के दर्शन पावे।
ऐसी कृपा करी मेरे मोहन,
क्यों न भजूं मैं तोय। 6।

जानों मुझे

मैं वो नहीं हूं गौर से पहचानों मुझे,
अभी भी वक्त है देखो जानों मुझे।
बेवफाई करना हमारे खून में नहीं,
खुद मोहब्बत करके जानों मुझे।।

ये आग मोहब्बत की जलती रही,
आग में भस्म होने बचा लो मुझे।
मैं तेरे कूचे पे मांगने नहीं जाऊंगा,
इश्क है तो मिल करके मानो मुझे।।

मैंने उसकी इस अभी नहीं छोड़ी है,
अपने बाजुओं में समा लो मुझे।
ज़माने भर की सही तेरी खातिर,
इतना बता करके न पहचानो मुझे।।

तुम्हें इम्तिहान देना है मैं हाज़िर हूं,
गैरों के कहने से न टालो मुझे।
मेरे जाने के बाद मेरी याद आएगी,
सफर भेज करके न जानो मुझे।।

दर्द उल्फत के बाजार में: रूसवाईयों का जनाजा

दर्द उल्फत को सरे बाजार करना हमें आता।
मेरी रूसवाईयों का जनाजा न गुज़र जाता।।

मैं भी सुकून से जी रहा होता जिंदगी को।
दर दर ठोकरें खाता हुआ नहीं नजर आता।।

कब से इंतजार कर रहा हूं इन खुशियों का।
कोई मेरे दरवाजे पे अच्छी खबर नहीं लाता।।

वो न आएं उनकी खबर तो हम तक आए ।
मेरी उल्फत का पैगाम उन तक पहुंच जाता।।

अब तो तन्हाईयां कचोटती हैं मुझे रातभर।
उन्हें याद किए बगैर दिन नहीं गुजर पाता।।

थक गया हूं मंजिल तक नहीं बढ़ते हैं कदम।
अंधेरी राहों में चिराग़ जलता नहीं नजर आता ।।

मिलेगा

दिल में गिले शिकवे रखने से क्या मिलेगा।
बहने दे इसे आंसुओं में दिल हल्का मिलेगा।।

बहुत मुश्किल है आजकल रिश्ते संभालना।
किसी से कुछ कह दिया वहीं बहका मिलेगा।।

मोहब्बत बड़ी शिद्दत से देर तक निभाई हमने।
क्या जरुरी है कि बदले में तुझे वफा मिलेगा।।

सभी को अपना समझ न कह देना राज अपने।
वरना कल अखबार में तेरा अफसाना मिलेगा।।

हमने बड़ी मुश्किल से हासिल की है कामयाबी।
हर तरफ कोई न कोई दिल जलता हुआ मिलेगा।।

अब कहां हैं लोग दूसरों की खुशी में खुश होने वाले।
तू जहां से भी गुजरेगा चलता तेरा किस्सा मिलेगा।।

पिता

मेरी हजारों खताओं को दरकिनार कर गए।
निश्चिंत रहा जिनके साये में पिता गुजर गए।।

परिवार को संभालने में गुजारी जिंदगी अपनी।
अपने शौक ,खुशियां को दरकिनार कर गए ।।

दुनिया की सब मुश्किलों से उन्होंने उबारा हमें।
हर कदम पर हमारे लिए दीवार बन कर गए।।

मेरी जिंदगी बना दी खुद को खपाकर जिन्होंने।
जीवन ईमानदारी और नेकनीयती में बसर गए।।

किससे करूं शिकायत और किससे सलाह लूं।
जिन्होंने सिखाई दुनियादारी वो कूच कर गए।।

जिंदगी की हकीकत को जाना उनके जाने के बाद।
अपने सत्कर्मों से जगत में अपनी छाप छोड़कर गए ।।

हर एक की जुबान पर चढ़ा रहता था उनका नाम।
वो जाने कितने लोगों के जीवन संवार कर गए।।

अपने हंसमुख स्वभाव और दूसरों की मदद की।
सिर्फ यही कमाई कर हमारे लिए छोड़ कर गए।।

मौत से पहले आजमा लो

खुबसूरत जिंदगी दी है तुम्हें उसने,
हौसलों से मंजिल अपनी पालो।
न बैठो यूं अधर सहारे नसीब के,
मौत से पहले आजमा लो खुद को।।