अरे माखन की चोरी छोड़,
श्याम रे मैं समझाऊं तोय।
नन्द बाबा के कहा कमी,
जो माखन ढूंढे चहूं ओर।1।
ग्वाल बाल संग गाय चरावै,
रोज रोज शिकायत आवै।
गांव की ग्वालिन करें छिछौरी,
फिर मार पड़ेगी तोय ।2।
तोय मारूं तो जी दुःख पावे,
रोज के ताने सुने ना जावे।
तेरी मति कूं का हे गयो,
तू क्यों सतावे मोय । 3।
तेरे बिन मोय चैन ना आवे,
तू रुठ जाय तो मन घबराबे।
जितनो माखन खानो होय ,
मैं अपने घर दूंगी तोय।4।
प्यारो सो मेरो कृष्ण कन्हैया,
हाथ जोड़ करै विनती मैय्या।
नटखट मोहन यू मुसकावै,
कैसो आनंद को दृश्य होय।5।
सूर दास जाके गुण गावे,
बिन नैनन के दर्शन पावे।
ऐसी कृपा करी मेरे मोहन,
क्यों न भजूं मैं तोय। 6।