अंधेरे में भी रोशनी ढूंढते हैं

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चंद लोग जीने का मुकाम ढूंढते हैं,
अंधेरे में भी लोग रोशनी ढूंढते हैं ।
ये दुनिया वो नहीं है जो दिखती है,
अंधेरे में भी लोग रोशनी ढूंढते हैं।।

जैसा हो नजरिया वहीं नजर आता,
किसी उजाले में अंधेरा नजर आता।
अच्छाई बुराई दोनों होती हैं सभी में,
अपने नज़रिए से लोग परख लेते हैं।।

कभी ये न सोचो लोग क्या कहेंगे,
उन्हें जो है कहना वो वही कहेंगे।
हमें लक्ष्य को पकड़ कर है चलना,
लोग चांद में भी दाग ढूंढते हैं।।

किसी से अपने दुख दर्द न कहिए,
पहले परखिए फिर दिल की कहिए।
भलाई का अब वो जमाना नहीं है,
खामोशियों से बस सब देखते रहिए।।

किसी को आप भला बुरा न कहिए,
जो मन को न भाए तो चुप रहिए।
जहां तक हो लोगों की मदद करिए,
किसी से कोई अपेक्षा न रख रखिए।।

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