अपने सुविधा की खातिर,
नष्ट किया पर्यावरण को।
आज कोस रहे खुद को हम ,
तरस रहे जल जीवन को।।
अभी समय है यदि ना चेते,
तो बहुत अनर्थ हो जायेगा।
तरस रही हरियाली को धरती,
सब सूखाग्रस्त हो जायेगा।।
आओ मिलकर रोक ले हम,
नष्ट होते हुए अपना जीवन।
अपने चहुं ओर वृक्ष लगायें,
और सुरक्षित कर ले जीवन।।
हर व्यक्ति यह प्रण ले कि ,
कम से कम एक वृक्ष लगायेगा।
और बचायेगा इस पर्यावरण को,
भविष्य को सुरक्षित बनायेगा।।